रोडवेज के प्रधान प्रबंधक समेत तीन पर धोखाधड़ी का केस दर्ज

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में 600 फर्जी पीआरडी जवानों की संविदा कंडक्टर पद पर भर्ती मामले में रोडवेज के प्रधान प्रबंधक जेएन सिन्हा समेत तीन पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। इन पर 2011 में फर्रुखाबाद में 98 संविदा कंडक्टरों के नाम पर फर्जीवाड़ा करने और मामले को रफा-दफा करने का आरोप है।


जेएन सिन्हा उस समय प्रभारी प्रधान प्रबंधक संविदा कार्मिक एवं अनुशासनिक के पद पर रोडवेज मुख्यालय में तैनात थे। सिन्हा के अलावा वर्तमान में क्षेत्रीय प्रबंधक मेरठ के पद पर तैनात नीरज सक्सेना पर भी केस दर्ज कराया गया है जो उस समय प्रबंध निदेशक आगरा-मथुरा सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज कंपनी आगरा के पद पर थे। वहीं तीसरे अधिकारी एके सिंह चंद्रौल हैं जो जिला विकास अधिकारी प्रादेशिक विकास दल फतेहगढ़ फर्रुखाबाद के पद पर थे।

परिवहन निगम के तत्कालीन सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (वित्त) प्रवीर कुमार ने फर्रुखाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष वाद दाखिल किया था। उनका आरोप था कि जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद भी धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करके दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। मजिस्ट्रेट के आदेश पर छह फरवरी को फतेहगढ़ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच दिनेश चंद्र यादव को सौंपी गई है।

प्रवीर कुमार ने बताया कि गाजियाबाद, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर सहित प्रदेश भर में फर्जी पीआरडी जवानों से मोटी रकम लेकर वर्ष 2011 से कई साल तक संविदा कंडक्टर पद पर भर्ती की गई। इनमें 300 फर्जी पीआरडी जवान तो आगरा व मथुरा सिटी में हैं। प्रवीर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पुलिस की विशेष टीम से मामले की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है।
 कोट
संविदा कंडक्टर भर्ती के मामले में जो मामला दर्ज हुआ है, उस पर कार्रवाई भी होगी। मामला सात साल पुराना है। सोमवार को पूरे प्रकरण की पत्रावली तलब करेंगे।
-डॉ. राजशेखर, प्रबंध निदेशक, परिवहन निगम